रविवार, 26 फ़रवरी 2023

कोशिश

कोशिश

उमस भरे खाली दिनों को
उदासी से भरना 
ठीक वैसा ही है
जैसे 
यादों में झिलमिलाते 
किसी खास चेहरे की
चमक को
सिगरेट के धुएं से ढँकना

यह जानते हुए भी
कि असंभव है ये सब
फिर भी कोशिश तो करते हैं हम

ऐसा करते हुए अक्सर हम 
नम आँखों से गुनगुनाते हैं
और रूखे, बेजान शब्दों में रोते हैं।

- प्रेम नंदन

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