लौटना चाहते हैं वापस
स्मृतियों के सहारे
स्मृतियों के जंगल में
सही करना चाहते हैं
अपनी भूल-गलतियां
माफ़ी माँगना चाहते हैं
उनसे
जिनको दुःख दिया था कभी
जाने-अनजाने
रोना चाहते हैं
उनसे लिपट कर
ग जो प्रिय हैं आज भी
लेकिन...
चाहते हुए भी
कहाँ सम्भव हो पाती है वापसी
कभी हिचक
कभी संकोच
कभी घमंड
कभी बेचारगी
पांवों में लिपटकर
कठिन कर देतीं हैं वापसी
सचमुच!
वापसी इस दुनिया की
सबसे मुश्किल काम है।