रविवार, 3 अक्तूबर 2021

सच यही है

सच यही है
कि जन्म लेते ही शुरू हो जाता है
मरना
और इस ओर कोई ध्यान नहीं देता

जिंदगी में
मरने की बहुत सी क्रियाएँ
रोज घटित होती हैं
जीने के समानांतर
लेकिन हम दोनों में से किसी को भी
ठीक से नहीं देखते

होना तो यह चाहिए
कि जिस दिन
जीना कम
और मरना ज्यादा शुरू हो जाए
आदमी को उस दिन
सचमुच मर जाना चाहिए!

कविता

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